महाराष्ट्र में सब कुछ ठीक नहीं? एकनाथ शिंदे शुरू करना चाहते हैं स्वास्थ्य सहायता प्रकोष्ठ; मगर क्यों?

महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे उनके विभाग के माध्यम से स्वास्थ्य सहायता प्रकोष्ठ शुरू करना चाहते हैं। राज्य सरकार में शिवसेना कोटे से मंत्री संजय शिरसाट ने सोमवार को एक बयान में कहा कि उप मुख्यमंत्री शिंदे द्वारा अपने अधीन स्वास्थ्य सहायता प्रकोष्ठ शुरू करना एक कल्याणकारी पहल है। अभी तक यह प्रकोष्ठ सिर्फ मुख्यमंत्री कार्यालय में है जिससे मदद दी जाती है।
ब्यूरो, मुंबई। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी अपने अधीन एक स्वास्थ्य सहायता प्रकोष्ठ शुरू करना चाहते हैं, जिससे जरूरतमंद लोगों की मदद की जा सके। अभी तक यह प्रकोष्ठ सिर्फ मुख्यमंत्री कार्यालय में है, जिसके माध्यम से लोगों को स्वास्थ्य संबंधी आर्थिक मदद उपलब्ध कराई जाती है।लेकिन अब उप मुख्यमंत्री की तरफ से भी इस प्रकार का प्रकोष्ठ शुरू किया जाना महायुति सरकार का ही स्वास्थ्य ठीक न होने की ओर संकेत दे रहा है। राज्य सरकार में शिवसेना कोटे से मंत्री संजय शिरसाट ने सोमवार को एक बयान में कहा कि उप मुख्यमंत्री शिंदे द्वारा अपने अधीन स्वास्थ्य सहायता प्रकोष्ठ शुरू करना एक कल्याणकारी पहल है। इसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए।
स्वास्थ्य सहायता प्रकोष्ठ पर विवाद
लेकिन, उनके बयान से यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि शिंदे की इस पहल का राजनीतिकरण कौन कर रहा है। लेकिन शिरसाट ने मुख्यमंत्री द्वारा सीएसआर फंड पर नियंत्रण किए जाने को यह कहते हुए अनुचित करार दिया कि मुख्यमंत्री के पास लोगों की मदद के लिए अपना फंड होता है।
शिरसाट महाराष्ट्र सरकार में सामाजिक न्याय मंत्री हैं। माना जा रहा है कि उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे उनके विभाग के माध्यम से ही स्वास्थ्य सहायता प्रकोष्ठ शुरू करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री रहते मुख्यमंत्री सहायता कोष से लोगों की मदद के लिए 270 करोड़ रुपये दिए थे।
उपमुख्यमंत्री द्वारा पहली बार पहल
- उन्होंने कहा कि इसमें कोई भ्रष्टाचार का आरोप भी नहीं लगा। इसलिए, अब उनके द्वारा पुन: स्वास्थ्य सहायता प्रकोष्ठ खोलने में कोई बुराई नहीं है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में किसी उप मुख्यमंत्री की ओर से पहली बार इस प्रकार की पहल की जा रही है।
- इसका प्रमुख एकनाथ शिंदे के करीबी नेता मंगेश चिवटे को बनाया गया है। चिवटे कहते हैं कि यही काम हम एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री रहते भी कर रहे थे। अब लोगों को सीधे राशि नहीं दी जाएगी। उसके अलावा सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं के माध्यम से सारी सहायता की जाएगी।