बॉम्बे हाई कोर्ट का फैसला सिर्फ मस्जिदों में लगे लाउडस्पीकर के लिए नहीं है।
किरीट सोमैया के दबाव में पुलिस मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने में लगी है, किरीट सोमैया पर धार्मिक नफरत फैलाने का केस दर्ज किया जाए : अबू आसिम आज़मी

शहीद शौकत
मुंबई : समाजवादी पार्टी के नेता अबू आसिम आज़मी ने मुंबई मराठी पत्रकार संघ में फेडरेशन ऑफ़ ट्रस्टी मोस्क्क के एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि, देश संविधान और बॉम्बे हाई कोर्ट के सभी धार्मिक स्थलों के खिलाफ दिए गए फैसले और ध्वनि प्रदूषण के सिद्धांतों पर चलेगा, लेकिन इसकी आड़ में बीजेपी नेता किरट सोमय्या सिर्फ मुसलमानों को निशाना बना रहे हैं और मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने का दावा कर रहे हैं | वह लगातार पुलिस पर दबाव बना रहे हैं, इसलिए उनके खिलाफ दो समुदायों के बीच नफरत पैदा करने, माहौल खराब करने और धार्मिक नफरत फैलाने के आरोप में मामला दर्ज करने की मांग की गई है, अन्यथा मामला दर्ज करने के लिए कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया जाएगा ताकि जल्द से जल्द उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जा सके | अबू आसिम आज़मी ने कहा कि स्थानीय हिंदुओं को अजान और मस्जिदों के लाउडस्पीकर से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन कुछ शरारती तत्वों की शिकायत पर कार्रवाई की जा रही है | सिर्फ वोट बैंक की खातिर माहौल खराब किया जा रहा है | मस्जिदों के लाउडस्पीकर हटाने से कानून व्यवस्था को खतरा है | इसलिए पुलिस को इस ओर भी ध्यान देना चाहिए क्योंकि मुंबई में भी हिंदू-मुस्लिमों के बीच फूट डालने और धार्मिक नफरत फैलाने की साजिश रची जा रही है | उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में किस तरह से धार्मिक नफरत फैलाई जा रही है और सांप्रदायिकता बढ़ रही है इसका एक उदाहरण यह है कि कोकण में एक छात्र ने पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा नहीं लगाया लेकिन उसके घर को जमीन में गाड़ दिया गया | अगर कोई छत्रपति महाराज का अपमान करता है तो आरआर पाटिल ने अमेरिका से जेम्स लेनन को लाने की बात कही थी | उन्होंने कहा कि मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाना गैरकानूनी है | यूपी में रात भर भजन गायन चलता रहता है. इसके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जाती है? भाजपा नेता किरीट सोमय्या के दबाव में पुलिस मस्जिद के लाउडस्पीकर हटाने को मजबूर है | किरीट सोमय्या के खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए क्योंकि वह सांप्रदायिकता को बढ़ावा देकर माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं | पुलिस कमिश्नर से मांग है कि वह मस्जिदों के लाउडस्पीकर हटाने की इजाजत न दें क्योंकि वे कानूनी दायरे में रहकर लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करते हैं |
एडवोकेट खालिद ने कहा कि मस्जिदों के लाउडस्पीकरों पर कार्रवाई चल रही है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक फैसला दिया था, जिसमें दिशा-निर्देश जारी किए गए थे। हाईकोर्ट में एक नई याचिका दायर की गई थी | इसमें कोर्ट ने 2016 में जारी फैसले का हवाला दिया है, जिसमें दिशा-निर्देश तय किए गए थे। इसमें सभी चीजों की पहचान की गई है। ध्वनि प्रदूषण को लेकर जो भी फैसला जारी किया गया है, हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि धार्मिक समारोहों में सभी तरह के ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाई गई है। यह फैसला किसी एक धर्म के लिए लागू नहीं किया गया है। इस फैसले में कोर्ट ने अंतरिम आदेश की समीक्षा की। कोर्ट ने कहा है कि लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करने से पहले अनुमति लेनी होती है। डेसिबल भी तय किए गए हैं। जब मस्जिद ने लाउडस्पीकर के लिए अनुमति मांगी तो उन्हें अनुमति दे दी गई। दोनों फैसलों में लाउडस्पीकर का स्ट्रक्चर तय नहीं किया गया है। बॉक्स टाइप की अनुमति दी जा रही है, जो हाईकोर्ट के फैसले में शामिल नहीं है। अगर मस्जिद में लगे स्पीकर ध्वनि प्रदूषण का विरोध करते हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पहली शिकायत पर चेतावनी, दूसरी बार नोटिस और तीसरी बार जुर्माना व कार्रवाई का प्रावधान हो। ध्वनि प्रदूषण को लेकर जागरूकता अभियान चलाना भी जरूरी है। किसी एक धर्म के लिए यह नहीं बनाया गया है, यह सभी धर्मों पर लागू है। एडवोकेट यूसुफ अब्राहनी ने कहा कि किरीट सोमय्या के उकसावे के कारण माहौल खराब करने की साजिश शुरू हो गई है। पुलिस अब हर मस्जिद में जाकर उपदेशकों, इमामों और मस्जिदों के ट्रस्टियों को परेशान कर रही है। कानून सभी धर्मों के लिए एक जैसा और बराबर है, लेकिन कानून का इस्तेमाल सिर्फ मुसलमानों पर ही क्यों किया जा रहा है? यह मामला जल्द ही कोर्ट में भेजा जाएगा। बीयर बार का लाइसेंस रात 12 बजे तक है, लेकिन बार पूरी रात खुला रहता है। पुलिस इस पर कार्रवाई नहीं करती, लेकिन उन्हें यहीं से तनख्वाह मिलती है, इसलिए पुलिस चुप रहती है और सिर्फ मस्जिदों पर ही कार्रवाई करती है।