भारत

वर्ली, मुंबई में मजलूम फिलिस्तीनियों के हक में दुआई इजलास, एकता और भाईचारे पर ज़ोर

शाहिद शौकत 

मुंबई, 21 मार्च – आज मुंबई के वर्ली स्थित ऐतिहासिक हुसैनी अशरफी मस्जिद में फिलिस्तीन के मजलूम जनता के हक में एक विशेष दुआई इजलास (प्रार्थना सभा) आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उलेमा-ए-किराम, मशाइख-ए-इज़ाम, समाजसेवी और आम जनता ने शिरकत की। इस रूहानी इजलास का मकसद फिलिस्तीनी भाइयों के साथ हमदर्दी जताना और उनके लिए दुआएं करना था।

इस मुबारक महफ़िल की सदारत जानी-मानी आलिम-ए-दीन हज़रत अल्लामा सैयद मोईनुद्दीन अशरफी उर्फ़ मोईन मियां ने की, जबकि प्रसिद्ध इस्लामी तंजीम रज़ा अकादमी के जनरल सेक्रेटरी अल्हाज मोहम्मद सईद नूरी समेत कई अन्य नामचीन शख्सियतें भी मौजूद थीं। इस मौके पर फिलिस्तीनी अवाम पर हो रहे ज़ुल्म की सख्त अल्फ़ाज़ में मजम्मत (निंदा) की गई और पूरी उम्मत-ए-मुस्लिमा (इस्लामी समुदाय) के लिए इत्तेहाद (एकता) और यकजहती (सौहार्द) की खास दुआ की गई।

फिलिस्तीन के हक में आवाज़ उठाना हर मुसलमान का फ़र्ज़

अपने बयान में हज़रत अल्लामा सैयद मोईनुद्दीन अशरफी ने कहा,
“फिलिस्तीन के मजलूम अवाम के हक में आवाज़ उठाना हर मुसलमान का मजहबी और अखलाकी (नैतिक) फ़र्ज़ है। बैतुल मुकद्दस और मस्जिदे अक्सा की हिफ़ाज़त हम सबकी ज़िम्मेदारी है और इसके लिए हमें अपनी कोशिशें तेज करनी होंगी।”

उन्होंने आगे कहा कि पूरे इस्लामी जगत को अपने आपसी मतभेद भुलाकर फिलिस्तीनियों की मदद के लिए एकजुट होना चाहिए और दुनिया भर में इस मुद्दे को मज़बूती से उठाना चाहिए।

लगातार दुआ और अमली इक़दामात की ज़रूरत

अल्हाज मोहम्मद सईद नूरी ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा,
“फिलिस्तीन के मजलूम अवाम के लिए सिर्फ दुआ ही नहीं बल्कि अमली इक़दामात (व्यावहारिक कदम) भी ज़रूरी हैं। हमें हर संभव तरीके से फिलिस्तीन के हक में आवाज़ उठानी होगी, चाहे वह सोशल मीडिया के जरिए हो या अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर विरोध के रूप में।”

उन्होंने आगे कहा कि इस्लामी देशों को फिलिस्तीन के मसले को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर और अधिक मजबूती से उठाना चाहिए और इजराइली जुल्मों के खिलाफ एक संयुक्त रणनीति अपनानी चाहिए।

इजलास में शिरकत करने वालों का अज़्म (संकल्प)

इजलास में शामिल जनता ने हाथ उठाकर अल्लाह के दरबार में फिलिस्तीनी भाइयों की मदद और इजराइली जुल्म के खात्मे के लिए खास दुआएं कीं। वक्ताओं ने इस मौके पर संकल्प लिया कि फिलिस्तीनी अवाम के हक के लिए हर स्तर पर आवाज़ उठाई जाएगी और उम्मत-ए-मुस्लिमा के बीच एकता और भाईचारे को मज़बूत किया जाएगा।

यह दुआई इजलास इस संकल्प के साथ संपन्न हुआ कि पूरी मुस्लिम उम्मत को फिलिस्तीन के समर्थन में और भी मज़बूती से खड़ा होना चाहिए और व्यावहारिक प्रयास करने चाहिए ताकि फिलिस्तीनी अवाम को उनका हक मिले और मस्जिद-ए-अक्सा की पाकीज़गी और हुरमत (पवित्रता) बरकरार रहे।

Shahid Khan

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