गोवंडी में कुछ कॉलेज ग्यारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों से एक वर्ष की फीस लेते हैं और छह महीने तक पढ़ाते हैं।
मुंबई,आपको कभी पता नहीं होगा कि 6 महीने की पढ़ाई में साल भर की फीस ली जाती है।

शाहिद शौकत
मुंबई,आपको कभी पता नहीं होगा कि 6 महीने की पढ़ाई में साल भर की फीस ली जाती है।
आपको बता दें कि 10वीं के बाद जब छात्र 11वीं के लिए एडमिशन लेते हैं और सितंबर से पढ़ाई शुरू होती है तो फरवरी में उनकी परीक्षा हो जाती है।
वो छात्र हैं जो 11वीं पास करके 12वीं की परीक्षा देते हैं। स्कूल सूत्रों का कहना है कि इस तरह से स्कूल और कॉलेज के ट्रस्टी छात्रों का भविष्य बर्बाद कर रहे हैं और 11वीं के छह महीने की पढ़ाई में कई अध्याय नहीं पढ़ते हैं, जिससे छात्र फेल हो जाते हैं और उनका एक साल बर्बाद हो जाता है क्योंकि परीक्षा में ऐसे सवाल होते हैं जो 11वीं के छात्रों को पढ़ाए ही नहीं जाते हैं उनके सवालों के जवाब वे नहीं लिख पाते हैं और 1 मार्च को 11वीं की परीक्षाएं संपन्न हो गईं। अब ये छात्र साढ़े तीन महीने तक कॉलेज नहीं जाएंगे। अगर ये पास हो गए तो 12वीं में फेल हो गए तो अतिरिक्त छात्रों की पढ़ाई छूट जाती है इसी तरह शिवाजी नगर और बैगनवाड़ी में कई ऐसे कॉलेज हैं जो 11वीं के पूरे साल की फीस लेते हैं और छह महीने में परीक्षाएं लेते हैं और साथ ही शिक्षकों को घर बैठा देते हैं और उन्हें साढ़े तीन महीने तक का वेतन भी नहीं देते रमजान का महीना भी शुरू हो गया है। अब ये शिक्षक अपने घर का खर्च कैसे चलाएंगे?जबकि कॉलेज के ट्रस्टी छात्रों से पूरे साल की फीस वसूलते हैं? अगली खबर में न्यूज़ स्प्लेंश ऐसे गैरजिम्मेदाराना तरीके से कॉलेजों चलाने वाले कॉलेज के नाम भी प्रकाशित किए जाएंगे और उनके खिलाफ शिक्षा मंत्री से शिकायत भी की जाएगी।