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अब PF पर सबसे ज्यादा ब्याज, नौकरी में 2 महीने का गैप तो रेगुलर माना जाएगा; 20 हजार परिवारों को मिलेंगे कई लाभ

सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) की बैठक में ईपीएफ के ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है। पीएफ अंशदाताओं को पिछले साल की तरह इस वर्ष भी 8.25 फीसदी ब्याज मिलेगा। इसके अलावा पीएफ से जुड़े कर्मचारी जमा लिंक्ड बीमा स्कीम में कई संशोधनों को मंजूरी दी गई है। शुक्रवार को श्रम और रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में सीबीटी की बैठक संपन्न हुई।

HighLights

  1. पीएफ की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया।
  2. सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की बैठक में सिफारिश।
  3. अब अधिसूचना के बाद खातों में जमा होगा ब्याज।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि की बैठक में बड़ा फैसला लिया गया है। ईपीएफ जमा पर मिलने वाले ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में भी ईपीएफओ के अंशदाताओं को 8.25 फीसदी ब्याज मिलता रहेगा। 

शुक्रवार को केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) की बैठक में ईपीएफ जमा पर 8.25% वार्षिक ब्याज दर जमा करने की सिफारिश की गई। अब केंद्र सरकार की अधिसूचना के बाद ईपीएफओ अंशदाताओं के खातों में ब्याज दर जमा जमा कराया जाएगा।

पीएफ पर अब सबसे ज्यादा ब्याज

बैठक से पहले आशंका जताई जा रही थी कि शायद इस बार ब्याज दरों में कटौती हो सकती है। मगर ऐसा नहीं हुआ। पिछले साल भी पीएफ पर 8.25 फीसदी ब्याज मिला था। मौजूदा समय में अन्य बचत स्कीमों की तुलना में पीएफ पर सबसे अधिक ब्याज मिल रहा है। सरकार ने 2022 में पीएफ पर ब्याज दर को 8.5 से घटाकर 8.1 फीसदी कर दिया था। मगर 2024 में ब्याज दर को 8.25 फीसदी किया था।

सुकन्या समृद्धि योजना से भी अधिक ब्याज

मौजूदा समय में पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) पर 7.1 फीसदी ब्याज मिल रहा है। अगर पोस्ट ऑफिस में 5 साल तक के लिए धनराशि जमा की जाती है तो 7.5 फीसदी ब्याज मिलेगा। किसान विकास पत्र पर भी इतना ही ब्याज है। तीन साल तक के टर्म डिपोजिट पर ब्याज की दर 7.1 फीसदी है। सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम और सुकन्या समृद्धि योजना पर 8.2 फीसदी ब्याज मिलता है। नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट पर 7.7 फीसदी ब्याज है। वही पोस्ट ऑफिस सेविंग पर महज 4 फीसदी सलाना ब्याज का लाभ मिल रहा है। इस लिहाज से पीएफ पर मिल रहा ब्याज सबसे ज्यादा है।

नौकरी बदलने में दो महीने तक का गैप तो भी मिलेगा EDLI का लाभ

  • सीबीटी की बैठक में कर्मचारी जमा लिंक्ड बीमा (EDLI) में कई अहम संशोधन किए गए हैं। अगर किसी ईपीएफ सदस्य की मौत एक साल की नियमित सेवा से पहले हो जाती है तो नॉमिनी को 50 हजार रुपये के जीवन बीमा का लाभ मिलेगा। इस बदलाव से लगभग 5 हजार परिवारों को लाभ मिलेगा।
  • अगर अंतिम पीएफ योगदान के छह महीने के भीतर किसी कर्मचारी की मौत होती है तो उसे भी ईडीएलआई का लाभ मिलेगा। मगर शर्त यह है कि सदस्य का नाम रोल से हटाया नहीं गया हो। पहले ऐसी मौतों को सेवा से बाहर माना जाता था और परिवार को लाभ नहीं मिलता था। सालाना 14 हजार से ज्यादा परिवारों को इसका लाभ मिलेगा।
  • अगर एक नौकरी को छोड़ने और दूसरी को ज्वाइन करने के बीच दो महीने का गैप है तो इसे नियमित नौकरी माना जाएगा। इस फैसले से एक हजार परिवारों को ईडीएलआई लाभ मिलेगा। पहले दो नौकरियों के बीच एक या दो दिन का गैप होने पर न्यूनतम 2.5 लाख और अधिकतम 7 लाख रुपये के ईडीएलआई का लाभ नहीं दिया जाता था, क्योंकि इससे एक वर्ष की निरंतर सेवा की शर्त पूरी नहीं होती थी। माना जा रहा है कि सीबीटी के इन फैसलों से हर साल 20 हजार परिवारों को लाभ मिलेगा।

 

क्या है EDLI स्कीम?

कर्मचारी जमा लिंक्ड बीमा (EDLI) ईपीएफ से जुड़ी एक स्वचालित स्कीम है। इसमें ईपीएफ खाताधारक सभी कर्मचारियों को कवर किया जाता है। ईडीएलआई स्कीम के तहत ईपीएफ के बीमित कर्मचारी की मौत होने पर नॉमिनी को जीवन बीमा का लाभ दिया जाता है।

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