यूपी: इस सरकारी स्कूल का नाम फिर से हुआ ‘शहीद वीर अब्दुल हमीद’, अखिलेश यादव ने उठाए थे सवाल

गाजीपुर: उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में परमवीर चक्र विजेता अब्दुल हमीद के परिवार के सदस्यों ने एक प्राथमिक विद्यालय के मुख्य द्वार से युद्ध नायक का नाम हटाने पर असंतोष जाहिर किया है। यह वहीं स्कूल है जहां हमीद ने कभी पढ़ाई की थी। अधिकारियों के अनुसार हाल ही में रंगाई-पुताई के बाद जिले के धामूपुर गांव के स्कूल का नाम बदलकर ‘पीएम श्री कम्पोजिट विद्यालय’ कर दिया गया। सोशल मीडिया और चौतरफा हो रहे विरोध के बाद शिक्षा विभाग बैकफुट पर आ गया और फिर से स्कूल का नाम ‘शहीद हमीद विद्यालय’ कर दिया है।
हमीद के पोते जमील अहमद ने बताया कि चार दिन पहले ही स्कूल का रंगरोगन किया गया। उन्होंने बताया कि प्रवेश द्वार पर ‘शहीद हमीद विद्यालय’ के स्थान पर ‘पीएम श्री कम्पोजिट विद्यालय’ लिख दिया गया है। जब अहमद और उसके परिवार ने प्रधानाध्यापक अजय कुशवाहा से इस विषय पर आपत्ति जताई तो उन्होंने युद्ध नायक के परिवार से बेसिक शिक्षा अधिकारी हेमंत राव से संपर्क करने को कहा।
हमीद का परिवार बेहद आहत है
परिवार के सदस्यों के अनुसार राव ने उन्हें बताया कि हमीद का नाम स्कूल की बाहरी दीवार पर लिख दिया गया है। परिवार ने दावा किया कि हालांकि प्रवेश द्वार पर कोई बदलाव नहीं किया गया। हमीद के परिवार ने शनिवार को एक और शिकायत दर्ज कराई, जिसमें मांग की गई कि शहीद का नाम स्कूल के प्रवेश द्वार पर फिर से लिखा जाए। राव ने आश्वासन दिया कि तत्काल ऐसा कर दिया जाएगा। अहमद ने दावा किया कि सोमवार दोपहर तक प्रवेश द्वार पर नाम नहीं लिखा गया है, जिससे उनका परिवार बेहद आहत है।
इमरान प्रतापगढ़ी ने फिर से नाम बदलने की दी जानकारी
कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी ने एक्स पर एक पोस्ट किया। उन्होंने कहा कि गाजीपुर में परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद विद्यालय का बदलने वाली ख़बर के बाद सोशल मीडिया पर चौतरफ़ा उठने वाली आवाज़ से मजबूर होकर शिक्षा विभाग ने विद्यालय का नाम फिर से शहीद वीर अब्दुल हमीद के नाम पर रख दिया है।
भूलवश नाम हट गया था- राघवेंद्र प्रताप सिंह
खंड शिक्षा अधिकारी राघवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि परमवीर चक्र विजेता शहीद वीर अब्दुल हमीद को वह नमन करते हैं। शहीद अब्दुल हमीद ने अपने प्राणों की आहुति देने के साथ ही देश के सरहदों की रक्षा की थी। 1965 भारत-पाकिस्तान के युद्ध में पैटर्न टैंक को लेकर पाकिस्तान का जो घमंड था, उसको शहीद वीर अब्दुल हमीद ने चकनाचूर कर दिया। उन्होंने कहा कि शहीद के परिवार और शहीद के धरोहरों का हमेशा सम्मान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानाध्यापक के भूलवश नाम हट गया था। अब सुनहरे अक्षरों में शहीद वीर अब्दुल हमीद पीएम श्री कंपोजिट विद्यालय लिखा गया। उन्होंने शहीद वीर अब्दुल हमीद के बेटे जैनुल हसन को बधाई देते हुए आभार भी जताया।
मरणोपरांत मिला परमवीर चक्र
वर्ष 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान अमेरिका ने पाकिस्तान को पैटन टैंक दिए थे, जिन्हें अजेय माना जाता था। हमीद ने बहादुरी परिचय देते हुए इनमें से तीन टैंकों को नष्ट कर दिया, जिससे दुश्मन को पीछे हटने पर मजबूर होना पड़ा। उनकी इस वीरता पर राष्ट्रपति ने मरणोपरांत हमीद की पत्नी रसूलन बीबी को परमवीर चक्र से सम्मानित किया। संपर्क करने पर राव ने कहा कि शहीद अब्दुल हमीद का नाम जल्द ही स्कूल के मुख्य द्वार पर पुनः अंकित कर दिया जाएगा, तथा यह नाम बाहरी दीवार पर पहले ही अंकित कर दिया गया है।